Wednesday, August 21, 2013

शुरुवाद एक मुस्कराहट से हुई ,
फिर मुलाकातें हुई ,
फिर एक रिश्ता बना।
अब मिलते है मगर वैसे नहीं,
और वो मुस्कान भी नहीं रही। !!

Wednesday, February 2, 2011

आज फिर एक ज़ख्म ताज़ा हुआ है
जो हमने किया नही , उस गुनाह
का वजह पुछा जा रहा है
जो प्यार को कुर्बान कर दिया
तो गुनेहगार बुलाया गया
आज भी हम जिंदा है
इसलिए बेवफा नाम दिया गया
जैसे हम मर जाते तो
वफ़ा का ज़बूत हो जाता ।

Monday, December 20, 2010

इस मेहफिल से मुझे दूर जाना भी है
इस मेहफिल को मुझे सजाना भी है ।
इस मेहफिल को मुझे छोड़ना भी है
इस मेहफिल से मेरा नाम जुड़ना भी है ।
कही इस मेहफिल का नाम मोहोब्बत तो नही
और मैं इस मोहोब्बत का शिकार तो नही ।

Wednesday, September 22, 2010

क्या हम्हारी ख़ुशी क़ी वचह ,
हम खुद है ?
क्या हम्हारी दर्द क़ी वचह ,
हम खुद है ?
कोई माने न माने
हम्हारी कही हुई 'हाँ ' या 'न' से
इनका रिश्ता ज़रूर है ।

Sunday, July 25, 2010

आना है तो आईये ,
जाना है तो जाईये ,
कोई रोक नही है येहाँ पर आने जाने का ,
आपको सिर्फ आपको ,आपको सिर्फ आपको ।

Tuesday, July 20, 2010

न तुम समझोगे , न मै समझापाउंगी ,
न हम मिलेंगे , न बात करेंगे ,
दूरी इतनी बढ जाएगी कि ,
न तुम याद करोगे ,न मै याद आ पाऊँगी ,
जो आज मै दर्द छुपा रही हु ,
काश कि तुम पढ़ पाते ।

Monday, July 19, 2010

मैं आज भी जिंदा हु ,
मगर मेरी जान कोई और है।
मैं आज भी जी रही हु ,
मगर मेरी जिंदगी कुछ और है।
इनके बीच के फासले को मुछे ,
याद नही करना,
एक और बार नही मरना।