आज फिर एक ज़ख्म ताज़ा हुआ है
जो हमने किया नही , उस गुनाह
का वजह पुछा जा रहा है
जो प्यार को कुर्बान कर दिया
तो गुनेहगार बुलाया गया
आज भी हम जिंदा है
इसलिए बेवफा नाम दिया गया
जैसे हम मर जाते तो
वफ़ा का ज़बूत हो जाता ।
Wednesday, February 2, 2011
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