आज फिर एक ज़ख्म ताज़ा हुआ है
जो हमने किया नही , उस गुनाह
का वजह पुछा जा रहा है
जो प्यार को कुर्बान कर दिया
तो गुनेहगार बुलाया गया
आज भी हम जिंदा है
इसलिए बेवफा नाम दिया गया
जैसे हम मर जाते तो
वफ़ा का ज़बूत हो जाता ।
Wednesday, February 2, 2011
Monday, December 20, 2010
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Sunday, July 25, 2010
Tuesday, July 20, 2010
Monday, July 19, 2010
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