साथी मेरे ढूँढ के लाना ,
प्यार का मौसम जो खोया तुने ..
साथ आए वो खुशियों का दामन ,
प्यारे थे मुझको जो छोड़ा तुने ॥
फूलों से महका था मेरा गुलशन ,
हवा से बहकी थी मेरी आँचल ,
न जाने हवा ने क्यूँ मुझको छोड़ा ...
न जाने यह गुलशन यूँ तुमने तोड़ा ...
उमंगें सितारे मेरे बन गए थे ,
चारों तरफ़ वो मेरे झा गए थे ..
किया किसने इनको मुझसे जुदा ...
किया क्यूँ उसने ऐसा मज़ा ...
No comments:
Post a Comment