Tuesday, July 20, 2010

न तुम समझोगे , न मै समझापाउंगी ,
न हम मिलेंगे , न बात करेंगे ,
दूरी इतनी बढ जाएगी कि ,
न तुम याद करोगे ,न मै याद आ पाऊँगी ,
जो आज मै दर्द छुपा रही हु ,
काश कि तुम पढ़ पाते ।

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