Tuesday, October 21, 2008

कही न कही कुछ बातें है जिसकी ,
ख़बर न तुझे है न मुझको पता है ..
मगर ज़रूर असर दोनों पर है ..
यह तन्हाई इसीकी निशानी है कि ,
कोई अब भी कही नाराज़ है ..